फिर भी चलता है, हार नहीं मानता शहर के फुटपाथ पर पलने वाला भिखारी।। फिर भी चलता है, हार नहीं मानता शहर के फुटपाथ पर पलने वाला भिखारी।।
निंदक नियरे रखिये, आँगन कुटी छवाय। बिनु पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।। पर कौन मुख ही नि... निंदक नियरे रखिये, आँगन कुटी छवाय। बिनु पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।।...